वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • 1 कुरिंथियों 10
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

1 कुरिंथियों का सारांश

      • इसराएल के इतिहास से सबक (1-13)

      • मूर्तिपूजा के बारे में चेतावनी (14-22)

        • यहोवा की मेज़, दुष्ट स्वर्गदूतों की मेज़ (21)

      • आज़ादी और दूसरों का लिहाज़ (23-33)

        • “सबकुछ परमेश्‍वर की महिमा के लिए करो” (31)

1 कुरिंथियों 10:1

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 13:21
  • +निर्ग 14:21, 22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2001, पेज 14

1 कुरिंथियों 10:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2001, पेज 14

1 कुरिंथियों 10:3

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 16:14, 15

1 कुरिंथियों 10:4

फुटनोट

  • *

    या “वह चट्टान मसीह था।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 17:6
  • +गि 20:11; यूह 4:10, 25

1 कुरिंथियों 10:5

संबंधित आयतें

  • +गि 14:29, 35

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2001, पेज 14

1 कुरिंथियों 10:6

संबंधित आयतें

  • +गि 11:4, 34

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2010, पेज 27

    6/15/2001, पेज 14

1 कुरिंथियों 10:7

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 32:4, 6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2010, पेज 27

    6/15/2001, पेज 15-16

1 कुरिंथियों 10:8

फुटनोट

  • *

    शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +गि 25:1, 9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 112-113

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2010, पेज 27

    4/1/2004, पेज 29

    6/15/2001, पेज 16-17

1 कुरिंथियों 10:9

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +व्य 6:16
  • +गि 21:5, 6; मत 4:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2010, पेज 27

    6/15/2001, पेज 17

1 कुरिंथियों 10:10

संबंधित आयतें

  • +गि 14:2
  • +गि 14:36, 37

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2010, पेज 27

    6/15/2001, पेज 17

1 कुरिंथियों 10:11

संबंधित आयतें

  • +रोम 15:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (मत्ती-कुलु), पेज 22

1 कुरिंथियों 10:12

संबंधित आयतें

  • +नीत 28:14; लूक 22:33, 34; गल 6:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2001, पेज 11

1 कुरिंथियों 10:13

संबंधित आयतें

  • +1पत 5:8, 9
  • +लूक 22:31, 32; 2पत 2:9
  • +यश 40:29; फिल 4:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    2/2017, पेज 29-30

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2016, पेज 14

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2015, पेज 26

    4/15/2014, पेज 21

    4/15/2012, पेज 27

    11/15/2010, पेज 27-28

    5/15/2009, पेज 22

    3/15/2008, पेज 13

    3/15/2001, पेज 11-12, 13-14

    जागते रहो!, पेज 26

1 कुरिंथियों 10:14

संबंधित आयतें

  • +व्य 4:25, 26; 2कुर 6:17; 1यूह 5:21

1 कुरिंथियों 10:16

संबंधित आयतें

  • +मत 26:27, 28
  • +मत 26:26; लूक 22:19; 1कुर 12:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2006, पेज 23-24

1 कुरिंथियों 10:17

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:5

1 कुरिंथियों 10:18

संबंधित आयतें

  • +लैव 7:15

1 कुरिंथियों 10:20

संबंधित आयतें

  • +व्य 32:17
  • +यहू 6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2004, पेज 5

1 कुरिंथियों 10:21

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +यहे 41:22; मला 1:12

1 कुरिंथियों 10:22

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 34:14; व्य 32:21

1 कुरिंथियों 10:23

फुटनोट

  • *

    या “सब बातों की मुझे इजाज़त है।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 14:19; 15:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 82-83

1 कुरिंथियों 10:24

संबंधित आयतें

  • +1कुर 10:32, 33; 13:4, 5; फिल 2:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2017, पेज 11

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 82-83

1 कुरिंथियों 10:26

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +भज 24:1; 1ती 4:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (मत्ती-कुलु), पेज 22

1 कुरिंथियों 10:28

संबंधित आयतें

  • +1कुर 8:7, 10

1 कुरिंथियों 10:29

संबंधित आयतें

  • +रोम 14:15, 16; 1कुर 8:12

1 कुरिंथियों 10:30

संबंधित आयतें

  • +रोम 14:6; 1ती 4:3

1 कुरिंथियों 10:31

संबंधित आयतें

  • +मत 5:16; कुल 3:17

1 कुरिंथियों 10:32

संबंधित आयतें

  • +रोम 14:13; 1कुर 8:13; 2कुर 6:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2007, पेज 10

1 कुरिंथियों 10:33

संबंधित आयतें

  • +रोम 15:2; फिल 2:4
  • +1कुर 9:22

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए आयत संख्या पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

1 कुरिं. 10:1निर्ग 13:21
1 कुरिं. 10:1निर्ग 14:21, 22
1 कुरिं. 10:3निर्ग 16:14, 15
1 कुरिं. 10:4निर्ग 17:6
1 कुरिं. 10:4गि 20:11; यूह 4:10, 25
1 कुरिं. 10:5गि 14:29, 35
1 कुरिं. 10:6गि 11:4, 34
1 कुरिं. 10:7निर्ग 32:4, 6
1 कुरिं. 10:8गि 25:1, 9
1 कुरिं. 10:9व्य 6:16
1 कुरिं. 10:9गि 21:5, 6; मत 4:7
1 कुरिं. 10:10गि 14:2
1 कुरिं. 10:10गि 14:36, 37
1 कुरिं. 10:11रोम 15:4
1 कुरिं. 10:12नीत 28:14; लूक 22:33, 34; गल 6:1
1 कुरिं. 10:131पत 5:8, 9
1 कुरिं. 10:13लूक 22:31, 32; 2पत 2:9
1 कुरिं. 10:13यश 40:29; फिल 4:13
1 कुरिं. 10:14व्य 4:25, 26; 2कुर 6:17; 1यूह 5:21
1 कुरिं. 10:16मत 26:27, 28
1 कुरिं. 10:16मत 26:26; लूक 22:19; 1कुर 12:18
1 कुरिं. 10:17रोम 12:5
1 कुरिं. 10:18लैव 7:15
1 कुरिं. 10:20व्य 32:17
1 कुरिं. 10:20यहू 6
1 कुरिं. 10:21यहे 41:22; मला 1:12
1 कुरिं. 10:22निर्ग 34:14; व्य 32:21
1 कुरिं. 10:23रोम 14:19; 15:2
1 कुरिं. 10:241कुर 10:32, 33; 13:4, 5; फिल 2:4
1 कुरिं. 10:26भज 24:1; 1ती 4:4
1 कुरिं. 10:281कुर 8:7, 10
1 कुरिं. 10:29रोम 14:15, 16; 1कुर 8:12
1 कुरिं. 10:30रोम 14:6; 1ती 4:3
1 कुरिं. 10:31मत 5:16; कुल 3:17
1 कुरिं. 10:32रोम 14:13; 1कुर 8:13; 2कुर 6:3
1 कुरिं. 10:33रोम 15:2; फिल 2:4
1 कुरिं. 10:331कुर 9:22
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
  • 28
  • 29
  • 30
  • 31
  • 32
  • 33
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
1 कुरिंथियों 10:1-33

कुरिंथियों के नाम पहली चिट्ठी

10 भाइयो, मैं चाहता हूँ कि तुम यह बात जान लो कि हमारे सभी बाप-दादा बादल के नीचे थे+ और वे सभी समुंदर में से होकर गुज़रे।+ 2 जब वे बादल के नीचे थे और समुंदर में से होकर गुज़रे तो उन्होंने मूसा में बपतिस्मा लिया। 3 सबने परमेश्‍वर से मिलनेवाला एक ही खाना खाया+ 4 और परमेश्‍वर से मिलनेवाला एक ही पानी पीया।+ इसलिए कि वे परमेश्‍वर की उस चट्टान से पीया करते थे, जो उनके साथ-साथ चलती थी और उस चट्टान का मतलब मसीह था।*+ 5 फिर भी, परमेश्‍वर उनमें से ज़्यादातर लोगों से खुश नहीं था इसलिए वे वीराने में मार डाले गए।+

6 ये बातें हमारे लिए सबक बनीं कि हम ऐसे इंसान न हों जो बुरी बातों की ख्वाहिश रखते हैं, जैसी उनमें थी।+ 7 न ही हम मूर्तिपूजा करनेवाले बनें, जैसे उनमें से कुछ ने की थी, ठीक जैसा लिखा है, “लोगों ने बैठकर खाया-पीया। फिर वे उठकर मौज-मस्ती करने लगे।”+ 8 न ही हम नाजायज़ यौन-संबंध* रखने का पाप करें जैसे उनमें से कुछ ने किया था और एक ही दिन में उनमें से 23,000 मारे गए।+ 9 न ही हम यहोवा* की परीक्षा लें,+ जैसे उनमें से कुछ ने उसकी परीक्षा ली और साँपों के डसने से मर गए।+ 10 न ही हम कुड़कुड़ानेवाले बनें, ठीक जैसे उनमें से कुछ कुड़कुड़ाते थे+ और नाश करनेवाले के हाथों मारे गए।+ 11 अब ये बातें जो उन पर बीतीं, हमारे लिए मिसाल हैं और हमारी चेतावनी के लिए लिखी गयी थीं+ जो दुनिया की व्यवस्थाओं के आखिरी वक्‍त में जी रहे हैं।

12 इसलिए जो सोचता है कि वह मज़बूती से खड़ा है, वह खबरदार रहे कि कहीं गिर न पड़े।+ 13 तुम पर ऐसी कोई अनोखी परीक्षा नहीं आयी जो दूसरे इंसानों पर न आयी हो।+ मगर परमेश्‍वर विश्‍वासयोग्य है और वह तुम्हें ऐसी किसी भी परीक्षा में नहीं पड़ने देगा जो तुम्हारी बरदाश्‍त के बाहर हो,+ मगर परीक्षा के साथ-साथ वह उससे निकलने का रास्ता भी निकालेगा ताकि तुम इसे सह सको।+

14 इसलिए प्यारे दोस्तो, मूर्तिपूजा से दूर भागो।+ 15 मैं तुम्हें पैनी समझ रखनेवाले जानकर तुमसे बात करता हूँ। तुम खुद फैसला करो कि मैं जो कह रहा हूँ वह सही है या गलत। 16 धन्यवाद का वह प्याला, जिसके लिए हम प्रार्थना में धन्यवाद देते हैं, क्या वह मसीह के खून में एक हिस्सेदारी नहीं?+ जो रोटी हम तोड़ते हैं, क्या वह मसीह के शरीर में एक हिस्सेदारी नहीं?+ 17 रोटी एक है और हम बहुत-से होकर भी एक ही शरीर हैं+ इसलिए कि हम सब उस एक रोटी में से खाते हैं।

18 पैदाइशी इसराएलियों की बात लो। जो बलिदानों में से खाते हैं क्या वे वेदी के साथ हिस्सेदार नहीं?+ 19 तो क्या मेरे कहने का यह मतलब है कि मूर्ति या मूर्ति के आगे चढ़ाया बलिदान मायने रखता है? 20 नहीं। बल्कि मैं यह कह रहा हूँ कि दूसरे राष्ट्र जो बलि चढ़ाते हैं वे परमेश्‍वर के लिए नहीं बल्कि दुष्ट स्वर्गदूतों के लिए बलि चढ़ाते हैं+ और मैं नहीं चाहता कि तुम दुष्ट स्वर्गदूतों के साथ हिस्सेदार बनो।+ 21 तुम ऐसा नहीं कर सकते कि यहोवा* के प्याले से पीओ और दुष्ट स्वर्गदूतों के प्याले से भी पीओ। तुम ऐसा नहीं कर सकते कि “यहोवा* की मेज़” से खाओ+ और दुष्ट स्वर्गदूतों की मेज़ से भी खाओ। 22 या “क्या हम यहोवा* को जलन दिला रहे हैं”?+ क्या हम उससे ज़्यादा ताकतवर हैं?

23 सब बातें जायज़ तो हैं,* मगर सब बातें फायदेमंद नहीं। सब बातें जायज़ तो हैं, मगर सब बातें हौसला नहीं बढ़ातीं।+ 24 हर कोई अपने फायदे की नहीं बल्कि दूसरे के फायदे की सोचता रहे।+

25 गोश्‍त-बाज़ार में जो कुछ बिकता है वह खाओ और अपने ज़मीर की वजह से कोई पूछताछ मत करो। 26 इसलिए कि “धरती और उसकी हर चीज़ यहोवा* की है।”+ 27 अगर कोई अविश्‍वासी तुम्हें दावत पर बुलाए और तुम जाना चाहो, तो जो कुछ तुम्हारे सामने रखा जाए उसे खाओ और अपने ज़मीर की वजह से कोई पूछताछ मत करो। 28 लेकिन अगर कोई तुमसे कहता है, “यह बलिदान में से है,” तो उसके बताने की वजह से और ज़मीर की वजह से मत खाना।+ 29 ज़मीर से मेरा मतलब है उस दूसरे का ज़मीर, न कि तुम्हारा ज़मीर। मैं अपनी इस आज़ादी का इस्तेमाल नहीं करना चाहता ताकि दूसरे का ज़मीर मुझे दोषी न ठहराए।+ 30 भले ही मैं प्रार्थना में धन्यवाद देकर उसे खाऊँ, फिर भी यह देखते हुए कि कोई मुझे गलत ठहरा रहा है क्या मेरा खाना सही होगा?+

31 इसलिए चाहे तुम खाओ या पीओ या कोई और काम करो, सबकुछ परमेश्‍वर की महिमा के लिए करो।+ 32 तुम यहूदियों और यूनानियों के लिए, साथ ही परमेश्‍वर की मंडली के लिए विश्‍वास से गिरने की वजह मत बनो,+ 33 ठीक जैसे मैं भी सब बातों में सब लोगों को खुश करने की कोशिश कर रहा हूँ और अपने फायदे की नहीं,+ बल्कि बहुतों के फायदे की खोज में रहता हूँ ताकि वे उद्धार पा सकें।+

हिंदी साहित्य (1972-2022)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2022 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता की नीति
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें