भजन
निर्देशक के लिए हिदायत। दाविद का यह सुरीला गीत उस समय का है जब उसने बतशेबा+ के साथ संबंध रखकर पाप किया था और उसके बाद भविष्यवक्ता नातान उसके पास आया था।
51 हे परमेश्वर, अपने अटल प्यार के मुताबिक मुझ पर रहम कर।+
अपनी बड़ी दया के मुताबिक मेरे अपराध मिटा दे।+
इसलिए तू जो बोलता है वह सही है,
तेरा न्याय सच्चा है।+
7 मरुए से पानी छिड़ककर मेरा पाप दूर कर दे ताकि मैं शुद्ध हो जाऊँ,+
मुझे धोकर साफ कर दे ताकि मैं बर्फ से भी उजला हो जाऊँ।+
8 मुझे खुशियाँ और जश्न मनाने की आवाज़ सुनने दे
ताकि जो हड्डियाँ तूने चकनाचूर कर दी हैं, उनमें उमंग भर जाए।+
11 तू मुझे अपने सामने से दूर न कर,
मुझ पर से अपनी पवित्र शक्ति न हटा।
12 तूने मेरा उद्धार करके मुझे जो खुशियाँ दी थीं वे मुझे लौटा दे,+
मेरे अंदर ऐसी इच्छा जगा कि मैं तेरी आज्ञा मानूँ।
14 हे परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर,+ खून का दोष मुझ पर से मिटा दे+
ताकि मेरी जीभ खुशी-खुशी तेरी नेकी का ऐलान करे।+
17 टूटा मन ऐसा बलिदान है जो परमेश्वर को भाता है,
18 अपनी कृपा दिखाकर सिय्योन का भला कर,
यरूशलेम की शहरपनाह को मज़बूत कर।