मस्तिष्क-आघात!
पाश्चात्य औद्योगीकृत जगत में मृत्यु और जीर्ण अपंगता का एक प्रमुख कारण है मस्तिष्क-आघात (स्ट्रोक)। “आघात” शब्द उस शीघ्रता को सूचित करता है जिससे “मस्तिष्क घात” होता है। एक क्षण, आप शायद स्वस्थ महसूस कर रहे हों, और दूसरे ही क्षण, आपको लगता है मानो आपके ऊपर बिजली गिर पड़ी हो—बृहत मस्तिष्क-आघात आपके जीवन में अचानक ही बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। क्रूरता से आपको अशक्त और अपंग बनाकर, यह शायद आपको गूँगा कर दे, आपकी भावनाओं को झकझोर दे, आपके व्यक्तित्व को और बोध-शक्तियों को बदल दे, और आपको उस सामान्य जीवन को फिर से पाने के अंतहीन दिखते संघर्ष में डाल दे जो आप और आपका परिवार कभी जीया करते थे।
ऎलन मॉर्गन पर विचार कीजिए।a बुधवार को, ऎलन एक ६४-वर्षीय स्वस्थ, सक्रिय स्त्री थी। गुरुवार को, अपने पति के साथ खरीदारी करते समय, अचानक ही ऎलन की बोलने की क्षमता जाती रही, और उसका चेहरा टेढ़ा-मेढ़ा हो गया। उसका शरीर कमज़ोर पड़ गया, और वह ऐसे लड़खड़ा रही थी मानो नशे में हो। ऎलन को बृहत मस्तिष्क-आघात हो गया था!
आघात होने के बाद, ऎलन इतनी अशक्त हो गयी थी कि वह छोटे-से-छोटा काम भी नहीं कर पाती थी, जैसे नहाना या कपड़े पहनना। लिखने, बुनने, और सिलने में असमर्थ, उसे बेरोक रोने और बहुत थकान के दौरे पड़ने लगे। इस दौरान, ऎलन की सोचने की प्रक्रियाओं को हानि नहीं पहुँची थी; लेकिन जब उसे लगता कि दूसरे उसे मंदबुद्धि समझ रहे हैं तब उसमें हीनता की भावनाएँ उठने लगतीं। बाद में, ऎलन ने बताया: “इसे बहुत कम ही लोग समझते हैं कि अचानक यह बदलाव आने से जो धक्का लगता है वह व्यक्ति को भावात्मक और मानसिक रूप से कितना प्रभावित करता है। मुझे ऐसा लगा मानो एक व्यक्ति के रूप में मेरा अस्तित्त्व ही समाप्त हो गया है।”
मस्तिष्क-आघात का कारण क्या है? जिन्हें आघात होता है क्या उन सभी पर एकसमान प्रभाव होता है? आघात झेलनेवाले इस बीमारी से कैसे निपटे हैं? आघात झेलनेवालों के परिवार इससे कैसे निपटते हैं? सहारा देने के लिए हम सब क्या कर सकते हैं? सजग होइए! ऐसे प्रश्नों को जाँचती है और आपको आघात झेलनेवालों तथा उनके परिवारों के संपर्क में लाती है जो उनके साथ-साथ संघर्ष करते हैं।
[फुटनोट]
a बीमारों और उनके परिवारों के लिए लिहाज़ दिखाते हुए कुछ नाम बदल दिये गये हैं।