खुशखबरी का प्रचार
सभी सच्चे मसीही जो शिक्षाएँ मानते हैं, उनके बारे में दूसरों को क्यों बताते हैं?
मत 28:19, 20; रोम 10:9, 10; इब्र 13:15
ये भी देखें: प्रेष 1:8; 1कुर 9:16
यीशु के लिए खुशखबरी सुनाना कितना ज़रूरी था?
इससे जुड़े किस्से:
लूक 4:42-44—यीशु ने कहा कि उसे प्रचार करने के लिए ही धरती पर भेजा गया है
यूह 4:31-34—यीशु ने बताया कि खुशखबरी सुनाना उसके लिए खाना खाने जैसा है
क्या खुशखबरी सुनाने की ज़िम्मेदारी सिर्फ मंडली में अगुवाई करनेवाले भाइयों की है?
भज 68:11; 148:12, 13; प्रेष 2:17, 18
इससे जुड़े किस्से:
2रा 5:1-4, 13, 14, 17—एक छोटी इसराएली लड़की ने नामान की पत्नी को यहोवा के भविष्यवक्ता एलियाह के बारे में बताया
मत 21:15, 16—जब प्रधान याजकों और शास्त्रियों ने इस बात पर गुस्सा किया कि मंदिर में लड़के यीशु की तारीफ कर रहे हैं, तो यीशु ने उन धर्म गुरुओं को सुधारा
प्राचीन मंडली के भाई-बहनों को प्रचार करना कैसे सिखा सकते हैं?
यहोवा और यीशु हमें प्रचार करने में कैसे मदद देते हैं?
इससे जुड़े किस्से:
प्रेष 16:12, 22-24; 1थि 2:1, 2—पौलुस और उसके साथियों पर ज़ुल्म किए गए, फिर भी वे परमेश्वर की मदद से निडर होकर प्रचार करते रहे
2कुर 12:7-9—पौलुस के “शरीर में एक काँटा” था, यानी शायद उसे सेहत से जुड़ी कोई समस्या थी, फिर भी वह जोश से प्रचार करता रहा क्योंकि यहोवा ने उसे ताकत दी
कौन हमें प्रचार करने के लिए योग्य बनाता है? किस वजह से हम प्रचार करते हैं?
इससे जुड़े किस्से:
यूह 7:15—लोग हैरान थे कि यीशु ने धर्म गुरुओं के स्कूलों में पढ़ाई नहीं की, फिर भी वह कितना कुछ जानता है
प्रेष 4:13—यीशु के प्रेषितों को कम पढ़े-लिखे और मामूली समझा जाता था, फिर भी वे बिना डरे, जोश के साथ प्रचार करते थे
हम कैसे जानते हैं कि यहोवा चाहता है कि हम दूसरों को प्रचार करने और सिखाने की ट्रेनिंग दें?
इससे जुड़े किस्से:
यश 50:4, 5—धरती पर आने से पहले जब यीशु स्वर्ग में था, तो खुद यहोवा ने उसे सिखाया था
मत 10:5-7—धरती पर यीशु ने सब्र के साथ अपने चेलों को खुशखबरी सुनाना सिखाया
प्रचार करने की ज़िम्मेदारी को हमें किस नज़र से देखना चाहिए?
प्रचार काम में हिस्सा लेने से हम कैसा महसूस करते हैं?
हम किन बातों के बारे में प्रचार करते हैं?
मत 24:14; 28:19, 20; प्रेष 26:20; प्रक 14:6, 7
ये भी देखें: यश 12:4, 5; 61:1, 2
मसीही क्यों झूठी शिक्षाओं के बारे में लोगों को खबरदार करते हैं?
इससे जुड़े किस्से:
मर 12:18-27—यीशु ने सदूकियों के साथ शास्त्र से तर्क करके साबित किया कि उनका यह मानना गलत है कि मरे हुए दोबारा ज़िंदा नहीं हो सकते
प्रेष 17:16, 17, 29, 30—पौलुस ने एथेन्स के लोगों के साथ तर्क करके बताया कि मूर्तिपूजा करना गलत है
हम किन अलग-अलग तरीकों से प्रचार करते हैं?
हम क्यों सड़कों, बाज़ार, पार्क जैसी जगहों पर लोगों को गवाही देते हैं?
यूह 18:20; प्रेष 16:13; 17:17; 18:4
ये भी देखें: नीत 1:20, 21
हमें क्यों प्रचार करने में लगे रहना चाहिए और सब्र रखना चाहिए?
प्रचार काम के कौन-से अच्छे नतीजे होते हैं?
हमें क्यों हर मौके पर गवाही देने के लिए तैयार रहना चाहिए?
इससे जुड़े किस्से:
यूह 4:6, 7, 13, 14—यीशु बहुत थका हुआ था, फिर भी उसने एक कुँए के पास एक सामरी औरत को गवाही दी
फिल 1:12-14—पौलुस कैद में था, फिर भी उसे जितने भी मौके मिले उनका फायदा उठाकर उसने लोगों को गवाही दी और भाई-बहनों की हिम्मत बँधायी
क्या यह उम्मीद करना सही होगा कि हर कोई हमारा संदेश सुनेगा?
यूह 10:25, 26; 15:18-20; प्रेष 28:23-28
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यिर्म 7:23-26—यहोवा ने यिर्मयाह के ज़रिए बताया कि उसके लोगों ने कैसे बार-बार उसके भविष्यवक्ताओं की बातें अनसुनी कर दीं
मत 13:10-16—यीशु ने बताया कि उसके ज़माने के लोग, यशायाह के दिनों के लोगों की तरह हैं, वे उसका संदेश सुनते तो हैं पर उस पर चलते नहीं
जब बहुत-से लोगों के पास हमारा संदेश सुनने की भी फुरसत नहीं होती, तो हम क्यों हैरान नहीं होते?
हम कैसे जानते हैं कि कुछ लोग हमारा संदेश सुनकर कदम उठाएँगे, पर फिर उसे मानना छोड़ देंगे?
प्रचार करते वक्त जब कोई हमारा विरोध करता है, तो किनके उदाहरणों से हमें हिम्मत मिल सकती है?
जब लोग हमें प्रचार करने से रोकते हैं, तो हम क्या करते हैं?
हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि कुछ लोग खुशखबरी सुनकर मसीही बनेंगे?
लोगों को प्रचार करना क्यों एक गंभीर ज़िम्मेदारी है?
प्रेष 20:26, 27; 1कुर 9:16, 17; 1ती 4:16
ये भी देखें: यहे 33:8
हमें हर धर्म, जाति और राष्ट्र के लोगों को क्यों गवाही देनी चाहिए?
मत 24:14; प्रेष 10:34, 35; प्रक 14:6
ये भी देखें: भज 49:1, 2