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मिस्र के खज़ाने से अनमोल खज़ानाप्रहरीदुर्ग—2002 | जून 15
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मरियम, फौरन राजकुमारी के पास आयी और उसने उससे पूछा: ‘क्या मैं जाकर किसी इब्री स्त्री को तेरे पास बुला ले आऊं जो तेरे लिये बालक को दूध पिलाया करे?’ कुछ लोगों को यह बात पढ़कर हँसी आती है कि फिरौन ने इब्रियों के साथ “चतुराई” से व्यवहार करने के लिए अपने सलाहकारों के साथ मिलकर जो चाल चली, उसके खिलाफ काम करने में मूसा की बहन कामयाब हो गयी। मगर इस बात से इनकार नहीं कि मूसा की खैरियत का फैसला तब ही हुआ जब फिरौन की बेटी को उसकी बहन की बात पसंद आयी। फिरौन की बेटी ने मरियम से कहा, “जा!” और वह तुरंत अपनी माँ को बुला लायी। वाकई एक कमाल का सौदा तय हुआ। योकेबेद को अपने ही बेटे को दूध पिलाने की मज़दूरी दी गयी और बच्चे के लिए शाही हिफाज़त का भी भरोसा दिलाया गया।—निर्गमन 2:5-9.
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मिस्र के खज़ाने से अनमोल खज़ानाप्रहरीदुर्ग—2002 | जून 15
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[पेज 11 पर बक्स]
दाइयों के साथ कॉन्ट्रैक्ट
अकसर माँ अपने नन्हे शिशुओं को दूध पिलाती है। मगर बाइबल साहित्य की पत्रिका (अँग्रेज़ी) में विद्वान, ब्रेवर्ड चाइल्ड्स कहते हैं, “कुछ मामलों में [पूर्वी इलाकों के पास] शाही परिवारों में दाइयों को भाड़े पर रखा जाता था। यह दस्तूर तब भी अपनाया जाता था जब माँ अपने बच्चे को दूध नहीं पिला सकती थी या जब बच्चे की माँ का पता नहीं होता था। एक तय किए समय तक बच्चे को पालने की ज़िम्मेदारी दाई की होती थी और वह उस समय के दौरान बच्चे को दूध भी पिलाती थी।” पूर्वी इलाकों के आस-पास, प्राचीनकाल की कई लिपियाँ मिली हैं जो दरअसल बच्चे की दाइयों के साथ किए गए कॉन्ट्रैक्ट हैं। इन दस्तावेज़ों से साबित होता है कि सूमेरी काल से लेकर मिस्र में यूनानी साम्राज्य के आखिर तक यह दस्तूर बहुत जाना-माना था। इन दस्तावेज़ों में ज़्यादातर ऐसी बातें लिखी होती थीं जैसे कि, इस कॉन्ट्रैक्ट में शामिल लोगों के बयान, यह कॉन्ट्रैक्ट कितने समय तक का है, काम करने की शर्तें, भरण-पोषण के बारे में कुछ बारीकियाँ, कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने पर कितना जुरमाना भरना होगा और तनख्वाह कितनी और कैसे दी जाएगी। चाइल्ड्स बताते हैं कि आम तौर पर, “दाई बच्चे की देखभाल दो या तीन साल तक करती थी। दाई अपने घर में बच्चे को पालती, मगर कभी-कभी मुआयना करने के लिए बच्चे को मालिक के सामने पेश किया जाता था।”
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