मरकुस
16 जब सब्त का दिन बीत गया, तो मरियम मगदलीनी और याकूब की माँ मरियम और सलोमी ने खुशबूदार मसाले खरीदे ताकि आकर उस पर मलें। 2 वे हफ्ते के पहले दिन बहुत सुबह, जब सूरज निकला ही था, कब्र पर आयीं। 3 वे आपस में कह रही थीं: “कौन हमारे लिए कब्र के मुँह से पत्थर हटाएगा?” 4 मगर जब उन्होंने नज़र उठाकर देखा, तो पत्थर पहले से ही दूर लुढ़का हुआ था, हालाँकि वह बहुत ही बड़ा था। 5 जब वे कब्र के अंदर गयीं, तो उन्होंने देखा कि एक नौजवान सफेद उजला चोगा पहने दायीं तरफ बैठा है, और वे हैरान रह गयीं। 6 उसने उनसे कहा: “हैरान मत हो। तुम यीशु नासरी को ढूँढ़ रही हो, जिसे सूली पर चढ़ाया गया था। उसे मरे हुओं में से जी उठाया गया है और वह यहाँ नहीं है। यह जगह देखो जहाँ उसे रखा गया था। 7 जाओ और जाकर पतरस से और उसके बाकी चेलों से कहो, ‘वह तुमसे पहले गलील जाएगा। वहाँ तुम उसे देखोगे, ठीक जैसा उसने तुमसे कहा था।’” 8 इसलिए जब वे बाहर निकलीं तो कब्र से भागीं, क्योंकि वे डर के मारे थर-थर काँप रही थीं और ज़बरदस्त हैरत ने उन्हें आ घेरा था। उन्होंने किसी को कुछ नहीं बताया, क्योंकि वे डरती थीं।
लंबी समाप्ति
कुछ प्राचीन हस्तलिपियों (कोडेक्स एलेक्ज़ैंड्रिनस, कोडेक्स एफ्रीमी, कोडेक्स बेज़ी) और प्राचीन अनुवादों (लैटिन वलगेट, क्युरेटोनियन सिरियक, सिरियक पेशिट्टा) में आगे यह लंबी समाप्ति दी गयी है, मगर कोडेक्स साइनाइटिकस, कोडेक्स वैटिकेनस और साइनाइटिक सिरियक कोडेक्स और अर्मेनियन वर्शन में यह नहीं पायी जाती:
9 हफ्ते के पहले दिन सुबह होते ही, जी उठने के बाद यीशु पहले मरियम मगदलीनी को दिखायी दिया, जिसमें से उसने सात दुष्ट स्वर्गदूतों को निकाला था। 10 वह गयी और जो यीशु के साथ रहा करते थे उन्हें जाकर इसकी खबर दी, क्योंकि वे मातम मना रहे थे और रो रहे थे। 11 मगर जब उन्होंने सुना कि वह जी उठा है और उसे दिखायी दिया है, तो यकीन न किया। 12 इसके अलावा, यह सब होने के बाद जब उनमें से दो देहात की तरफ जा रहे थे, तब यीशु उन्हें दूसरे रूप में दिखायी दिया और उनके साथ-साथ चल रहा था। 13 वे वापस आए और बाकियों को खबर दी। मगर उन्होंने इनका भी यकीन नहीं किया। 14 मगर बाद में जब वे खाने की मेज़ के सामने टेक लगाए थे, तो वह ग्यारहों को दिखायी दिया, और उसने उनके विश्वास की कमी और दिलों की कठोरता के लिए उन्हें उलाहना दी। क्योंकि उन्होंने उनका यकीन नहीं किया था जिन्होंने उसे मरे हुओं में से जी उठने के बाद देखा था। 15 और उसने उनसे कहा: “सारी दुनिया में जाओ और सब लोगों को खुशखबरी सुनाओ। 16 जो यकीन करता है और बपतिस्मा लेता है वह उद्धार पाएगा, मगर जो यकीन नहीं करता वह दोषी ठहराया जाएगा। 17 इसके अलावा, यकीन करनेवालों में ये अलग-अलग चमत्कार दिखायी देंगे: वे मेरे नाम से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालेंगे, अलग-अलग भाषाएँ बोलेंगे, 18 और वे अपने हाथों से साँपों को उठा लेंगे और अगर वे कोई ज़हरीली चीज़ पी जाएँ, तौभी वह उन्हें कोई नुकसान न पहुँचाएगी। वे बीमार लोगों पर अपने हाथ रखेंगे और वे चंगे हो जाएँगे।”
19 इस तरह प्रभु यीशु उनसे बातें करने के बाद स्वर्ग में उठा लिया गया और परमेश्वर की दायीं तरफ बैठ गया। 20 इसी के मुताबिक, चेले निकले और उन्होंने हर जगह प्रचार किया। इस दौरान प्रभु ने उनके साथ काम किया और उनके ज़रिए अलग-अलग चमत्कारों से उनके संदेश की गवाही दी।
छोटी समाप्ति
बाद की कुछ हस्तलिपियों और प्राचीन अनुवादों में मरकुस 16:8 के बाद यह छोटी समाप्ति पायी जाती है:
मगर जितनी बातों की उन्हें आज्ञा दी गयी थी, वे सब उन्होंने चंद शब्दों में उन्हें बता दीं जो पतरस के आस-पास थे। इसके अलावा, इन सब बातों के बाद, यीशु ने खुद उनके ज़रिए पूरब से पश्चिम तक, हमेशा के उद्धार के पवित्र और अविनाशी संदेश का ऐलान करवाया।