व्यवस्थाविवरण 27:19 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 19 ‘शापित है वह इंसान जो तुम्हारे बीच रहनेवाले किसी परदेसी, अनाथ* या विधवा के मामले में गलत फैसला सुनाकर अन्याय करता है।’+ (तब सब लोग कहेंगे, ‘आमीन!’) याकूब 1:27 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 27 हमारे परमेश्वर और पिता की नज़र में शुद्ध और निष्कलंक उपासना* यह है: अनाथों और विधवाओं की मुसीबतों में देखभाल की जाए+ और खुद को दुनिया से बेदाग रखा जाए।+
19 ‘शापित है वह इंसान जो तुम्हारे बीच रहनेवाले किसी परदेसी, अनाथ* या विधवा के मामले में गलत फैसला सुनाकर अन्याय करता है।’+ (तब सब लोग कहेंगे, ‘आमीन!’)
27 हमारे परमेश्वर और पिता की नज़र में शुद्ध और निष्कलंक उपासना* यह है: अनाथों और विधवाओं की मुसीबतों में देखभाल की जाए+ और खुद को दुनिया से बेदाग रखा जाए।+