28 उसी तरह, मसीह भी बहुतों का पाप उठाने के लिए एक ही बार हमेशा के लिए बलिदान किया गया।+ और जब वह दूसरी बार आएगा, तो पाप मिटाने* के लिए नहीं आएगा और उसे वे लोग देखेंगे जो उद्धार पाने के लिए बड़ी बेताबी से उसका इंतज़ार कर रहे हैं।+
24 जब उसे काठ* पर ठोंक दिया गया था+ तो उसने हमारे पापों को अपने शरीर पर उठा लिया+ ताकि हम अपने पापों से आज़ाद हों और नेक काम करने के लिए जीएँ। और “उसके घाव से तुम चंगे हुए।”+