15 अगर किसी भाई या बहन के पास कपड़े न हों और दो वक्त की रोटी भी न हो 16 और तुममें से कोई उससे कहे, “सलामत रहो, तुझे खाने-पहनने की कोई कमी न हो।” मगर तुम उसे कपड़ा और रोटी न दो तो इसका क्या फायदा?+
17 लेकिन अगर किसी के पास गुज़र-बसर के लिए सबकुछ है और वह देखे कि उसका भाई तंगी में है, फिर भी उस पर दया करने से इनकार कर देता है, तो यह कैसे कहा जा सकता है कि वह परमेश्वर से प्यार करता है?+