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व्यवस्थाविवरण 33:13-15पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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13 यूसुफ के बारे में उसने कहा,+
“यहोवा उसकी ज़मीन पर आशीष दे,+
आकाश की अच्छी-अच्छी चीज़ें बरसाए,
ओस की बूँदें और नीचे से सोतों का पानी,+
14 सूरज की बदौलत उगनेवाली अच्छी-अच्छी चीज़ें,
हर महीने मिलनेवाली बेहतरीन उपज,+
15 ज़माने से खड़े पहाड़ों* की उम्दा चीज़ें,+
सदा कायम रहनेवाली पहाड़ियों की अच्छी-अच्छी चीज़ें,
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यहोशू 17:17, 18पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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17 तब यहोशू ने यूसुफ के घराने, एप्रैम और मनश्शे से कहा, “तुम गिनती में बहुत हो और तुम शक्तिशाली भी हो। तुम्हें ज़मीन का सिर्फ एक हिस्सा नहीं मिलेगा+ 18 बल्कि पूरा पहाड़ी प्रदेश तुम्हारा हो जाएगा।+ हालाँकि यह इलाका जंगल है मगर तुम इसे काटकर रहने की जगह बनाओगे और यह इलाका तुम्हारी सरहद ठहरेगा। तुम यहाँ से कनानियों को ज़रूर खदेड़ दोगे, फिर चाहे वे कितने ही ताकतवर क्यों न हों और उनके पास ऐसे युद्ध-रथ क्यों न हों जिनके पहियों में तलवारें लगी हुई हैं।”*+
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