5 तुम उनके आगे दंडवत न करना और न ही उनकी पूजा करने के लिए बहक जाना,+ क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा माँग करता हूँ कि सिर्फ मेरी भक्ति की जाए, मुझे छोड़ किसी और की नहीं।+ जो मुझसे नफरत करते हैं उनके गुनाह की सज़ा मैं उनके बेटों, पोतों और परपोतों को भी देता हूँ।
15 लेकिन अगर तुम यहोवा की सेवा नहीं करना चाहते, तो आज चुन लो कि तुम किसकी सेवा करोगे।+ क्या उन देवताओं की जिन्हें तुम्हारे बाप-दादा महानदी * के उस पार पूजते थे?+ या एमोरियों के देवताओं की, जिनके इलाके में तुम रह रहे हो?+ मगर मैंने और मेरे घराने ने ठान लिया है कि हम यहोवा की सेवा करेंगे।”
3 तब शमूएल ने इसराएल के पूरे घराने से कहा, “अगर तुम वाकई पूरे दिल से यहोवा के पास लौट रहे हो,+ तो अपने बीच से पराए देवताओं की मूरतें+ और अशतोरेत देवी की मूरतें निकाल दो।+ और अपना दिल पूरी तरह यहोवा पर लगाओ और सिर्फ उसकी सेवा करो,+ तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाएगा।”+