35 तब मैं अपने लिए एक विश्वासयोग्य याजक ठहराऊँगा।+ वह मेरे मन की इच्छा के मुताबिक काम करेगा और मैं उसके घराने को ऐसा मज़बूत करूँगा कि वह सदा कायम रहेगा और हमेशा तक याजक के नाते मेरे अभिषिक्त के लिए सेवा करेगा।
37 फिर दाविद ने आसाप और उसके भाइयों को यहोवा के करार के संदूक के सामने ठहराया+ ताकि वे हर दिन के नियम के मुताबिक संदूक के सामने लगातार सेवा करते रहें।+