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2 शमूएल 5:6-10पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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6 एक बार राजा दाविद और उसके आदमी यबूसियों पर हमला करने यरूशलेम के लिए निकल पड़े+ जो वहाँ रहते थे। यबूसियों ने दाविद का मज़ाक बनाते हुए कहा, “तू हमारे इलाके में कभी कदम नहीं रख पाएगा! तुझे भगाने के लिए हमारे अंधे और लूले-लँगड़े ही काफी हैं।” उन्होंने सोचा कि दाविद उनके इलाके में कभी नहीं घुस पाएगा।+ 7 मगर दाविद ने सिय्योन के गढ़वाले शहर पर कब्ज़ा कर लिया जो आज दाविदपुर कहलाता है।+ 8 दाविद ने उस दिन कहा, “यबूसियों पर हमला करनेवालों को पानी की सुरंग से जाना चाहिए और ‘उन अंधों और लूले-लँगड़ों’ को मार डालना चाहिए जिनसे दाविद को नफरत है।” इसी घटना से यह बात चली है, “अंधे और लूले-लँगड़े इस जगह में कभी कदम नहीं रख पाएँगे।” 9 सिय्योन का किला जीतने के बाद दाविद वहाँ जाकर बस गया और उस जगह का नाम दाविदपुर रखा गया।* दाविद टीले*+ पर और शहर की दूसरी जगहों में दीवारें और इमारतें बनवाने लगा।+ 10 इस तरह दाविद दिनों-दिन महान होता गया+ और सेनाओं का परमेश्वर यहोवा उसके साथ था।+
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