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2 राजा 17:33, 34पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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33 इस तरह लोग यहोवा का डर तो मानते थे लेकिन पूजा अपने देवताओं की ही करते थे और उन राष्ट्रों के धर्मों* को मानते थे जहाँ से उन्हें बंदी बनाकर यहाँ लाया गया था।+
34 आज तक ये लोग अपने पुराने धर्मों* को ही मानते हैं। उनमें से कोई भी यहोवा की उपासना नहीं करता,* न ही यहोवा की विधियों, उसके न्याय-सिद्धांतों, कानून और उसकी आज्ञाओं को मानता है जो उसने याकूब के बेटों को दी थीं, जिसका नाम बदलकर उसने इसराएल रखा था।+
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