5 मगर तुम कहते हो, ‘अगर एक आदमी अपने पिता या अपनी माँ से कहता है, “मेरे पास जो कुछ है जिससे तुझे फायदा हो सकता था, वह परमेश्वर के लिए रखी गयी भेंट है,”+ 6 तो उसे अपने माता-पिता का आदर करने की कोई ज़रूरत नहीं।’ इस तरह तुमने अपनी परंपराओं की वजह से परमेश्वर के वचन को रद्द कर दिया है।+