21 वे घर बनाकर उसमें बसेंगे,+
अंगूरों के बाग लगाएँगे और उनका फल खाएँगे।+
22 ऐसा नहीं होगा कि वे घर बनाएँ और कोई दूसरा उसमें रहे,
वे बाग लगाएँ और कोई दूसरा उसका फल खाए,
क्योंकि मेरे लोगों की उम्र, पेड़ों के समान होगी,+
मेरे चुने हुए अपनी मेहनत के फल का पूरा-पूरा मज़ा लेंगे।