24 यही नहीं, आहाज ने सच्चे परमेश्वर के भवन की चीज़ें इकट्ठी कीं और उनके टुकड़े-टुकड़े कर डाले,+ यहोवा के भवन के दरवाज़े बंद कर दिए+ और यरूशलेम के हर कोने में अपने लिए वेदियाँ खड़ी कर दीं।
25 उन्होंने मुझे छोड़ दिया है+ और वे दूसरे देवताओं के सामने बलिदान चढ़ाते हैं और अपने हाथ की बनायी चीज़ों से मुझे गुस्सा दिलाते हैं,+ इसलिए मेरे क्रोध का प्याला इस जगह पर उँडेला जाएगा और इसकी आग नहीं बुझेगी।’”+