2 लेकिन तुम अच्छाई से नफरत+ और बुराई से प्यार करते हो,+
मेरे लोगों की चमड़ी उधेड़ देते हो, उनकी हड्डियों से माँस नोंच लेते हो।+
3 यही नहीं, तुम मेरे लोगों का माँस खाते हो,+
उनकी खाल खींच लेते हो।
जैसे हंडे में माँस पकाने के लिए उसके टुकड़े-टुकड़े किए जाते हैं,
वैसे ही तुम मेरे लोगों की हड्डियाँ तोड़ते हो, उन्हें चूर-चूर करते हो।+