4 उनकी मूरतें सोने-चाँदी की बनी हैं,
इंसान के हाथ की कारीगरी हैं।+
5 उनका मुँह तो है पर वे बोल नहीं सकतीं,+
आँखें हैं पर देख नहीं सकतीं,
6 कान हैं पर सुन नहीं सकतीं,
नाक है पर सूँघ नहीं सकतीं,
7 हाथ हैं पर छू नहीं सकतीं,
पैर हैं पर चल नहीं सकतीं,+
उनके गले से कोई आवाज़ नहीं निकलती।+
8 उनके बनानेवाले और उन पर भरोसा रखनेवाले,
दोनों उनकी तरह हो जाएँगे।+