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प्रकाशितवाक्य 18:15, 16पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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15 जो सौदागर इन चीज़ों को बेचते थे और उस नगरी की बदौलत मालामाल हो गए थे, वे इस डर से दूर खड़े रहेंगे कि कहीं उन्हें भी उसकी तरह न तड़पाया जाए। वे रोएँगे और मातम मनाएँगे 16 और कहेंगे, ‘हाय, इस महानगरी के साथ कितना बुरा हुआ। यह बढ़िया मलमल, बैंजनी और सुर्ख लाल कपड़े पहनती थी और सोने के गहनों, कीमती रत्नों और मोतियों से सजती-सँवरती थी।+
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