12 याजकों, लेवियों और इसराएल के कुलों के मुखियाओं में से कई बुज़ुर्ग जिन्होंने पहलेवाला मंदिर देखा था,+ इस मंदिर की नींव देखकर रोने लगे। जबकि बाकी लोग खुशी के मारे जयजयकार करने लगे।+
17 इस तरह, बँधुआई से छूटकर आए लोगों की पूरी मंडली ने छप्पर बनाए और उनमें रहने लगे। नून के बेटे यहोशू+ के दिनों से लेकर आज तक, इसराएलियों ने इस तरह छप्परों का त्योहार नहीं मनाया था। इसलिए उन्होंने बड़ी खुशी के साथ इसे मनाया।+