16 सेनाओं का परमेश्वर यहोवा कहता है,
“तुम उन भविष्यवक्ताओं की बातें मत सुनो जो तुम्हें भविष्यवाणियाँ सुना रहे हैं।+
वे तुम्हें भ्रम में डाल रहे हैं।
वे जो दर्शन बताते हैं, वह यहोवा की तरफ से नहीं है,+
बल्कि उनके मन की गढ़ी हुई बातें हैं।+
17 मेरा अनादर करनेवालों से वे बार-बार कहते हैं,
‘यहोवा ने कहा है, “तुम सुख-चैन से जीओगे।”’+
और जो कोई अपने ढीठ मन की करता है, उससे वे कहते हैं,
‘तुझ पर कोई विपत्ति नहीं आएगी।’+