16 “हे यहोवा, तू जो सब लोगों को जीवन देनेवाला परमेश्वर है, तुझसे बिनती है कि लोगों की मंडली पर एक ऐसा आदमी ठहरा 17 जो हर मामले में उनकी अगुवाई करे और जिसकी दिखायी राह पर लोग चलें। ऐसा न हो कि यहोवा की मंडली उन भेड़ों की तरह हो जाए जिनका कोई चरवाहा नहीं है।”
17 तब मीकायाह ने कहा, “मैं देख रहा हूँ कि सारे इसराएली पहाड़ों पर तितर-बितर हो गए हैं,+ उन भेड़ों की तरह जिनका कोई चरवाहा नहीं होता। यहोवा कहता है, ‘इनका कोई मालिक नहीं है। इनमें से हर कोई शांति से अपने घर लौट जाए।’”
34 जब यीशु नाव से उतरा तो उसने लोगों की एक भीड़ देखी और उन्हें देखकर वह तड़प उठा,+ क्योंकि वे ऐसी भेड़ों की तरह थे जिनका कोई चरवाहा न हो।+ और वह उन्हें बहुत-सी बातें सिखाने लगा।+