18 तुम अपने किसी जाति भाई से बदला न लेना,+ न ही उसके खिलाफ दुश्मनी पालना। तुम अपने संगी-साथी से वैसे ही प्यार करना जैसे तुम खुद से करते हो।+ मैं यहोवा हूँ।
27 उसने जवाब दिया, “‘तुम अपने परमेश्वर यहोवा* से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान,* अपनी पूरी ताकत और अपने पूरे दिमाग से प्यार करना,’+ और ‘अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना जैसे तुम खुद से करते हो।’”+
9 क्योंकि ये आज्ञाएँ, “तुम व्यभिचार* न करना,+ तुम खून न करना,+ तुम चोरी न करना,+ तुम लालच न करना”+ और इनके साथ-साथ जो भी आज्ञाएँ हैं, सबका निचोड़ इस एक बात में पाया जाता है, “अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करना जैसे तुम खुद से करते हो।”+