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मत्ती 15:22-28पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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22 और देखो! उस इलाके की एक औरत जो फीनीके की रहनेवाली थी उसके पास आयी और चिल्लाकर कहने लगी, “हे प्रभु, दाविद के वंशज, मुझ पर दया कर। मेरी बेटी को एक दुष्ट स्वर्गदूत ने बुरी तरह काबू में कर लिया है।”+ 23 मगर यीशु ने उससे एक शब्द भी न कहा। इसलिए उसके चेले आए और बार-बार कहने लगे, “इसे भेज दे क्योंकि यह चिल्लाती हुई हमारे पीछे-पीछे आ रही है।” 24 तब उसने कहा, “मुझे इसराएल के घराने की खोयी हुई भेड़ों को छोड़ किसी और के पास नहीं भेजा गया।”+ 25 मगर वह औरत यीशु के पास आयी और उसे झुककर प्रणाम* करके कहने लगी, “हे प्रभु, मेरी मदद कर!” 26 उसने कहा, “बच्चों की रोटी लेकर पिल्लों के आगे फेंकना सही नहीं है।” 27 तब औरत ने कहा, “सही कहा प्रभु, मगर फिर भी पिल्ले अपने मालिकों की मेज़ से गिरे टुकड़े तो खाते ही हैं।”+ 28 यह सुनकर यीशु ने उससे कहा, “तेरा विश्वास बहुत बड़ा है। जैसा तू चाहती है, तेरे लिए वैसा ही हो।” और उसी घड़ी उसकी बेटी ठीक हो गयी।
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