10 फिर उसने उनसे कहा, “एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र पर+ और एक राज्य दूसरे राज्य पर हमला करेगा।+11 बड़े-बड़े भूकंप आएँगे और एक-के-बाद-एक कई जगह अकाल पड़ेंगे और महामारियाँ फैलेंगी।+ खौफनाक नज़ारे दिखायी देंगे और आकाश में बड़ी-बड़ी निशानियाँ दिखायी देंगी।
6 और उन चार जीवित प्राणियों के बीच से मुझे कुछ ऐसा सुनायी पड़ा जो आवाज़ जैसा लग रहा था, “एक किलो* गेहूँ एक दीनार* में+ और तीन किलो* जौ एक दीनार में। और जैतून के तेल और दाख-मदिरा को बरबाद मत करना।”+
8 और देखो मैंने क्या देखा! एक हलके पीले रंग का घोड़ा और उसके सवार का नाम था मौत। और कब्र* उसके बिलकुल पीछे-पीछे चली आ रही थी। और उन्हें पृथ्वी के एक-चौथाई हिस्से पर अधिकार दिया गया कि वे लंबी तलवार से और अकाल से+ और जानलेवा महामारी से और पृथ्वी के जंगली जानवरों से लोगों को मार डालें।+