34 कौन उन्हें सज़ा के लायक ठहरा सकता है? कोई नहीं। क्योंकि मसीह यीशु ने अपनी जान दी, यही नहीं, उसे मरे हुओं में से ज़िंदा किया गया, वह परमेश्वर के दाएँ हाथ बैठा है+ और वही हमारी खातिर बिनती भी करता है।+
25 इसलिए जो उसके ज़रिए परमेश्वर के पास आते हैं, वह उनका पूरी तरह उद्धार करने के काबिल है। क्योंकि वह उनकी खातिर परमेश्वर से बिनती करने के लिए हमेशा ज़िंदा रहता है।+