यशायाह 44:27, 28 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 27 मैं गहरे पानी से कहता हूँ, ‘भाप बनकर उड़ जा,मैं तेरी सारी नदियों को सुखा दूँगा।’+28 मैं कुसरू के बारे में कहता हूँ,+ ‘वह मेरा ठहराया हुआ चरवाहा है,वह मेरी एक-एक मरज़ी पूरी करेगा।’+यरूशलेम नगरी के बारे में कहता हूँ, ‘वह दोबारा बनायी जाएगी।’ और मंदिर के बारे में कहता हूँ ‘तेरी नींव डाली जाएगी।’”+
27 मैं गहरे पानी से कहता हूँ, ‘भाप बनकर उड़ जा,मैं तेरी सारी नदियों को सुखा दूँगा।’+28 मैं कुसरू के बारे में कहता हूँ,+ ‘वह मेरा ठहराया हुआ चरवाहा है,वह मेरी एक-एक मरज़ी पूरी करेगा।’+यरूशलेम नगरी के बारे में कहता हूँ, ‘वह दोबारा बनायी जाएगी।’ और मंदिर के बारे में कहता हूँ ‘तेरी नींव डाली जाएगी।’”+