4 मैं यूहन्ना एशिया प्रांत की सात मंडलियों को लिख रहा हूँ:+
मेरी दुआ है कि तुम्हें उसकी तरफ से यानी “जो था और जो है और जो आ रहा है,”+ महा-कृपा और शांति मिले और सात पवित्र शक्तियों की तरफ से भी+ जो उसकी राजगद्दी के सामने हैं।
5 उस राजगद्दी से बिजलियाँ कौंध रही थीं+ और गड़गड़ाहट और गरजन की आवाज़ निकल रही थी।+ और राजगद्दी के सामने आग के सात बड़े दीए थे जिनसे लपटें उठ रही थीं। इनका मतलब परमेश्वर की सात पवित्र शक्तियाँ हैं।+