लैव्यव्यवस्था
10 बाद में हारून के बेटों, नादाब और अबीहू+ ने अपना-अपना धूपदान लिया और उनमें आग भरी और धूप डाला।+ फिर वे यहोवा के सामने ऐसी आग चढ़ाने लगे जो नियम के खिलाफ थी,+ जिसकी आज्ञा परमेश्वर ने उन्हें नहीं दी थी। 2 मगर उसी पल यहोवा की तरफ से उन दोनों पर आग बरसी+ और वे यहोवा के सामने मर गए।+ 3 तब मूसा ने हारून से कहा, “यहोवा ने कहा है, ‘मैं उन लोगों के बीच पवित्र ठहरूँगा जो मेरे पास आते हैं+ और सब लोगों के सामने मेरी महिमा होगी।’” हारून खामोश रहा।
4 फिर मूसा ने हारून के चाचा उज्जीएल+ के बेटे, मीशाएल और एलसापान को बुलाया और उनसे कहा, “तुम दोनों यहाँ आओ और अपने भाइयों की लाशें पवित्र-स्थान के सामने से उठाकर छावनी के बाहर ले जाओ।” 5 तब वे दोनों मूसा के कहे मुताबिक आगे आए और नादाब और अबीहू को उनके कुरतों समेत उठाकर छावनी के बाहर ले गए।
6 फिर मूसा ने हारून और उसके दूसरे बेटों, एलिआज़र और ईतामार से कहा, “तुम दुख के मारे अपने बाल बिखरे हुए मत रहने देना, न ही अपने कपड़े फाड़ना,+ वरना तुम मार डाले जाओगे और परमेश्वर का क्रोध पूरी मंडली पर भड़क उठेगा। यहोवा ने जिन्हें आग से मार डाला है, उनके लिए तुम्हारे भाई यानी इसराएल का पूरा घराना मातम मनाएगा। 7 मगर तुम भेंट के तंबू के द्वार से बाहर मत जाना, वरना तुम मर जाओगे क्योंकि यहोवा के पवित्र तेल से तुम्हारा अभिषेक हुआ है।”+ हारून और उसके बेटों ने मूसा के कहे मुताबिक किया।
8 फिर यहोवा ने हारून से कहा, 9 “तू और तेरे बेटे कभी-भी दाख-मदिरा या किसी और तरह की शराब पीकर भेंट के तंबू में न आएँ,+ वरना तुम मार डाले जाओगे। यह नियम पीढ़ी-दर-पीढ़ी सदा के लिए तुम पर लागू रहेगा। 10 यह नियम तुम्हें इसलिए दिया जा रहा है ताकि तुम शुद्ध और अशुद्ध चीज़ों के बीच और जो चीज़ें पवित्र हैं और जो पवित्र नहीं हैं, उनके बीच फर्क कर सको+ 11 और इसराएलियों को वे सारे कायदे-कानून सिखा सको जो यहोवा ने मूसा के ज़रिए बताए हैं।”+
12 फिर मूसा ने हारून और उसके बचे हुए दोनों बेटों, एलिआज़र और ईतामार से कहा, “यहोवा के लिए जो अनाज का चढ़ावा आग में जलाकर दिया गया था, उसका बचा हुआ हिस्सा लो और उसमें खमीर मिलाए बिना रोटियाँ बनाओ और वेदी के पास खाओ+ क्योंकि वह बहुत पवित्र है।+ 13 उसे पवित्र जगह में ही खाना+ क्योंकि यहोवा के लिए आग में जलाकर दिए गए चढ़ावे में से वह तुम्हारा और तुम्हारे बेटों का हिस्सा है। मुझे आज्ञा दी गयी है कि तुम्हें ऐसा करना है। 14 और हिलाकर दिए गए चढ़ावे में से सीना और पवित्र हिस्से में से पैर+ भी तुम और तुम्हारे बेटे-बेटियाँ शुद्ध जगह में खाएँगे।+ इसराएलियों की शांति-बलियों में से ये चीज़ें तुम्हें और तुम्हारे बेटों को दी जाती हैं। 15 इसराएली आग में अर्पित की जानेवाली चरबी के साथ-साथ पवित्र हिस्से में से पैर और हिलाकर दिए जानेवाले चढ़ावे में से सीना लाएँगे ताकि वे इन्हें यहोवा के सामने आगे-पीछे हिलाएँ। इस तरह वे हिलाकर दिया जानेवाला चढ़ावा अर्पित करेंगे। इसके बाद सीना और पैर तुम्हें और तुम्हारे बेटों को दिया जाएगा। इन पर हमेशा के लिए तुम्हारा हक रहेगा+ ठीक जैसे यहोवा ने आज्ञा दी है।”
16 जब मूसा ने पाप-बलि के लिए अर्पित बकरे को बहुत ध्यान से ढूँढ़ा+ तो उसने पाया कि उसे जला दिया गया है। तब वह हारून के बचे हुए बेटों यानी एलिआज़र और ईतामार पर भड़क उठा। उसने उनसे कहा, 17 “तुमने पवित्र जगह पर पाप-बलि का गोश्त क्यों नहीं खाया?+ वह बहुत पवित्र चीज़ है और तुम्हें खाने के लिए दिया गया है ताकि तुम मंडली के पाप का लेखा दे सको और यहोवा के सामने उनके लिए प्रायश्चित कर सको। 18 इस बलि के जानवर का खून पवित्र-स्थान के अंदर नहीं लाया गया था।+ तुम्हें पवित्र जगह में उसे ज़रूर खाना चाहिए था क्योंकि मुझे आज्ञा दी गयी है कि तुम्हें ऐसा करना है।” 19 हारून ने मूसा से कहा, “आज लोगों ने यहोवा के सामने जो पाप-बलि और होम-बलि चढ़ायी है,+ मैं उनका गोश्त नहीं खा सका। तू अच्छी तरह जानता है कि आज मुझ पर क्या बीती है। ऐसे में अगर मैं पाप-बलि का गोश्त खाता तो क्या यहोवा मुझसे खुश होता?” 20 मूसा को हारून की यह बात सही लगी।