भजन
दाविद का शोकगीत। इसमें वह यहोवा से उन बातों का ज़िक्र करता है जो बिन्यामीन गोत्र के कूश ने कही थीं।
7 हे यहोवा मेरे परमेश्वर, मैंने तेरी पनाह ली है।+
सतानेवालों से मुझे बचा ले, मुझे छुड़ा ले।+
3 हे यहोवा मेरे परमेश्वर, अगर गलती मेरी है,
मैंने कोई अन्याय किया है,
4 किसी की अच्छाई का बदला बुराई से दिया है+
या दुश्मन को बेवजह लूटा है,*
5 तो तू दुश्मन को न रोक,
वह मेरा पीछा करके मुझे पकड़ ले,
मुझे ज़मीन पर रौंदकर मार डाले,
मेरी शान मिट्टी में मिला दे। (सेला )
6 हे यहोवा, उठ! अपना क्रोध दिखा,
मेरे झुँझलाए हुए दुश्मनों के खिलाफ खड़ा हो,+
मेरी खातिर जाग और न्याय की माँग कर।+
7 राष्ट्र तुझे घेर लें
और तू ऊँचे पर से उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।
8 यहोवा देश-देश के लोगों को फैसला सुनाएगा।+
हे यहोवा, मेरे नेक और निर्दोष चालचलन के मुताबिक
मेरा न्याय कर।+
9 दुष्टों की करतूतों का अंत कर दे,
मगर नेक लोगों को महफूज़ रख,+
क्योंकि तू नेक परमेश्वर है,+ जो दिलों को और गहरी भावनाओं को जाँचता है।*+
10 परमेश्वर मेरी ढाल है,+ सीधे-सच्चे मनवालों का उद्धारकर्ता है।+