28 फिर जब मिद्यानी+ व्यापारी वहाँ से गुज़र रहे थे तो यूसुफ के भाइयों ने उसे गड्ढे से बाहर निकाला और उसे चाँदी के 20 टुकड़ों में इश्माएलियों के हाथ बेच दिया।+ ये आदमी यूसुफ को मिस्र ले गए।
35 उसके सब बेटे-बेटियाँ उसे दिलासा देते रहे, मगर उसका दुख बिलकुल कम न हुआ। वह कहता, “मैं कब्र*+ में जाने तक अपने बेटे के लिए मातम मनाता रहूँगा।” इस तरह यूसुफ का पिता उसके लिए रोता रहा।