11 क्योंकि हरेक जीवित प्राणी की जान* उसके खून में है।+ और मैंने खुद यह इंतज़ाम ठहराया है कि खून वेदी पर उँडेला जाए+ ताकि तुम्हारी जान के लिए प्रायश्चित हो, क्योंकि खून में ही जान है और खून से ही पापों का प्रायश्चित किया जा सकता है।+
14 हरेक जीवित प्राणी का खून ही उसका जीवन है क्योंकि खून में उसकी जान है। इसीलिए मैंने इसराएलियों से कहा, “तुम किसी भी जीवित प्राणी का खून न खाना, क्योंकि हर जीवित प्राणी का खून उसका जीवन है। जो भी खून खाएगा उसे मौत की सज़ा दी जाएगी।”+