2फिर नून के बेटे यहोशू ने शित्तीम से+ दो आदमियों को चुपके से जासूसी करने भेजा और उनसे कहा, “जाओ जाकर उस देश की, खासकर यरीहो की खोज-खबर लेकर आओ।” वे दोनों जासूस निकल पड़े और राहाब नाम की एक वेश्या के घर आकर ठहरे।+
31 विश्वास की वजह से ही राहाब नाम की वेश्या उन लोगों के साथ नाश नहीं हुई जो आज्ञा नहीं मानते थे, क्योंकि उसने जासूसों को शांति से अपने यहाँ ठहराया था।+