38 और 11वें साल के बूल* महीने में (यानी आठवें महीने में) पूरा भवन बनकर तैयार हो गया। मंदिर के लिए जो नमूना दिया गया था, ठीक उसी के मुताबिक उसे बनाया गया और हर बारीकी का ध्यान रखा गया।+ सुलैमान को इसे बनाने में सात साल लगे।
7 फिर याजक यहोवा के करार का संदूक उस जगह ले आए जो उसके लिए बनायी गयी थी। वे उसे भवन के भीतरी कमरे यानी परम-पवित्र भाग में ले आए और उसे करूबों के पंखों के नीचे रख दिया।+