22 बात तो एक ही है। इसलिए मैं कहता हूँ,
‘वह दुष्ट और निर्दोष दोनों का नाश कर देता है।’
23 जब कोई सैलाब अचानक कई ज़िंदगियाँ बहा ले जाता है,
तब वह मासूमों की बेबसी पर हँसता है।
24 धरती दुष्ट के हाथ में कर दी गयी है,+
उसने इंसाफ करनेवालों की आँखों पर पट्टी बाँध दी है।
अगर यह उसने नहीं किया, तो फिर किसने किया?