9 इतनी बड़ी* प्रजा पर राज करना एक भारी ज़िम्मेदारी है। इसलिए मेहरबानी करके अपने सेवक को ऐसा दिल दे जो हमेशा तेरी आज्ञा माने ताकि मैं तेरे लोगों का न्याय कर सकूँ+ और अच्छे-बुरे में फर्क कर सकूँ।”+
28 राजा ने जो फैसला सुनाया, उसकी खबर पूरे इसराएल में फैल गयी। जब लोगों ने देखा कि उसमें परमेश्वर की बुद्धि है जिस वजह से उसने ऐसा न्याय किया,+ तो वे राजा का गहरा सम्मान करने* लगे।+