13 सुनो, तुम कहते हो, “आज या कल हम उस शहर में जाएँगे और वहाँ एक साल बिताएँगे और व्यापार करेंगे और खूब पैसा कमाएँगे,”+ 14 जबकि तुम नहीं जानते कि कल तुम्हारे जीवन का क्या होगा।+ क्योंकि तुम उस धुंध की तरह हो जो थोड़ी देर दिखायी देती है और फिर गायब हो जाती है।+