25 तू दुष्ट के साथ-साथ नेक जन को मार डालने की कभी सोच भी नहीं सकता।+ तू दोनों को एक ही सिला दे, यह कभी नहीं हो सकता।+ क्या सारी दुनिया का न्याय करनेवाला कभी अन्याय कर सकता है?”+
31 क्योंकि उसने एक दिन तय किया है जब वह सच्चाई से सारी दुनिया का न्याय करेगा+ और इसके लिए उसने एक आदमी को ठहराया है। और सब इंसानों को इस बात का पक्का यकीन दिलाने* के लिए परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से ज़िंदा किया है।”+