6 किसी भी बात को लेकर चिंता मत करो,+ मगर हर बात के बारे में प्रार्थना और मिन्नतों और धन्यवाद के साथ परमेश्वर से बिनतियाँ करो।+ 7 तब परमेश्वर की वह शांति+ जो समझ से परे है, मसीह यीशु के ज़रिए तुम्हारे दिल की+ और तुम्हारे दिमाग के सोचने की ताकत की हिफाज़त करेगी।