3 दुनियावी लोगों की मरज़ी पूरी करने में तुम अब तक जो वक्त बिता चुके हो वह काफी है।+ तब तुम निर्लज्ज कामों में, बेकाबू होकर वासनाएँ पूरी करने में, हद-से-ज़्यादा शराब पीने में, रंगरलियाँ मनाने में, शराब पीने की होड़ लगाने में और घिनौनी मूर्तिपूजा करने में लगे हुए थे।+