3 हे यहोवा, क्या तेरी आँखें ऐसे लोगों को नहीं ढूँढ़तीं जो तेरे विश्वासयोग्य हैं?+
तूने उन्हें मारा, मगर उन पर कोई असर नहीं हुआ।
तूने उन्हें कुचल दिया, फिर भी उन्होंने सबक नहीं सीखा।+
उन्होंने अपना चेहरा चट्टान से भी ज़्यादा सख्त बना लिया है,+
उन्होंने पलटकर लौटने से इनकार कर दिया है।+