17 तब उन पर मेरा क्रोध भड़क उठेगा।+ मैं उन्हें छोड़ दूँगा+ और तब तक उनसे अपना मुँह फेरे रहूँगा+ जब तक कि वे तबाह नहीं हो जाते। उन पर बहुत-सी दुख-तकलीफें और मुसीबतें टूट पड़ेंगी।+ तब वे कहेंगे, ‘ये सब मुसीबतें हम पर इसलिए आयी हैं क्योंकि हमारा परमेश्वर हमारे बीच नहीं है।’+