2 काश, वीराने में मेरे लिए एक मुसाफिरखाना होता!
तब मैं अपने लोगों को छोड़कर दूर चला जाता,
क्योंकि वे सब बदचलन हैं,+
दगाबाज़ों का गुट हैं।
3 वे अपनी जीभ कमान की तरह मोड़ते हैं,
देश में कोई विश्वासयोग्य नहीं है, वहाँ बस झूठ का बोलबाला है,+
यहोवा ऐलान करता है, “वे बुराई-पर-बुराई करते जाते हैं
और मुझ पर कोई ध्यान नहीं देते।”+