30 तुमने पूजा के लिए जितनी भी ऊँची जगह बनायी होंगी वे सब मैं ढा दूँगा+ और तुम्हारे धूप-स्तंभों को तोड़ डालूँगा। मैं तुम्हारी बेजान घिनौनी मूरतों* के ढेर पर तुम्हारी लाशों का ढेर लगा दूँगा।+ मुझे तुमसे इतनी घिन हो जाएगी कि मैं तुमसे अपना मुँह फेर लूँगा।+
37 उन्होंने व्यभिचार किया है*+ और उनके हाथ खून से रंगे हैं। उन्होंने न सिर्फ घिनौनी मूरतों को पूजा* है बल्कि मेरे लिए उन्होंने जो बेटे पैदा किए थे, उन्हें भी मूरतों के आगे भोग चढ़ाने के लिए आग में होम कर दिया है।+