37 यरूशलेम, यरूशलेम, तू जो भविष्यवक्ताओं का खून करनेवाली नगरी है और जो तेरे पास भेजे जाते हैं उन्हें पत्थरों से मार डालती है+—मैंने कितनी बार चाहा कि जैसे मुर्गी अपने चूज़ों को अपने पंखों तले इकट्ठा करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बच्चों को इकट्ठा करूँ! मगर तुम लोगों ने यह नहीं चाहा।+