49 तो तू अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उनकी प्रार्थना और कृपा की बिनती सुनना+ और उन्हें न्याय दिलाना। 50 तू अपने लोगों के पाप और उनके सारे अपराध माफ कर देना जो उन्होंने तेरे खिलाफ किए होंगे। तू उनके दुश्मनों को उन पर दया करने के लिए उभारना और तब दुश्मन उन पर दया करेंगे+