25 यह ऐसा ही है जैसा होशे की किताब में भी वह कहता है, “जो मेरे लोग नहीं थे,+ उन्हें मैं ‘अपने लोग’ कहूँगा और जो मेरी प्यारी नहीं थी, उसे ‘प्यारी’ कहूँगा+ 26 और जिस जगह उनसे कहा गया था, ‘तुम मेरे लोग नहीं हो,’ वहाँ वे ‘जीवित परमेश्वर के बेटे’ कहलाएँगे।”+