8 मैं तेरे बलिदानों की वजह से तुझे नहीं फटकारता,
न ही तेरी होम-बलियों की वजह से, जो तू मेरे सामने नियमित तौर पर चढ़ाता है।+
9 मुझे न तो तेरे घर का बैल चाहिए,
न तेरे बाड़े के बकरे।+
10 क्योंकि जंगल का हर जानवर मेरा है,
हज़ारों पहाड़ों पर रहनेवाले पशु भी मेरे हैं।+
11 मैं पहाड़ों के हर पंछी के बारे में जानता हूँ,+
मैदान के अनगिनत जीव-जंतु मेरे हैं।
12 अगर मैं भूखा होता, तो भी तुझसे नहीं कहता,
क्योंकि उपजाऊ ज़मीन और उसकी हर चीज़ मेरी है।+
13 मैं क्या बैलों का गोश्त खाऊँगा?
बकरों का खून पीऊँगा?+
14 परमेश्वर को धन्यवाद दे, यह तेरा बलिदान होगा+
और परम-प्रधान से मानी मन्नतें पूरी कर।+
15 मुसीबत की घड़ी में मुझे पुकार,+
मैं तुझे छुड़ाऊँगा और तू मेरी महिमा करेगा।”+