16 मगर वे सच्चे परमेश्वर के दूतों का मज़ाक उड़ाते रहे,+ उसकी बातों को तुच्छ समझा+ और उसके भविष्यवक्ताओं की खिल्ली उड़ाते रहे।+ ऐसा वे तब तक करते रहे जब तक कि यहोवा का क्रोध अपने लोगों पर भड़क न उठा+ और उनके चंगे होने की कोई गुंजाइश नहीं बची।
52 ऐसा कौन-सा भविष्यवक्ता हुआ है जिस पर तुम्हारे पुरखों ने ज़ुल्म नहीं ढाए?+ हाँ, उन्होंने उन लोगों को मार डाला जिन्होंने पहले से उस नेक जन के आने का ऐलान किया था।+ और अब तुमने भी उसके साथ विश्वासघात किया और उसका खून कर दिया।+
32 और किस किसका नाम गिनवाऊँ? अगर मैं गिदोन,+ बाराक,+ शिमशोन,+ यिप्तह,+ दाविद,+ साथ ही शमूएल+ और दूसरे भविष्यवक्ताओं के बारे में बताऊँ तो समय कम पड़ जाएगा।
37 उन्हें पत्थरों से मार डाला गया,+ उनकी परीक्षा हुई, उन्हें आरे से चीरा गया और तलवार से मार डाला गया।+ वे भेड़ों और बकरों की खाल पहने फिरते थे+ और तंगी, मुसीबतें+ और बदसलूकी सहते रहे+